इस भाग में अल्प पोषण या कुपोषण की मुख्य समस्या के बारे में जागरूकता लाने का प्रयास किया गया है। यह समस्या पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाई जाने वाली एक मुख्य समस्या बताई गई है। इसका कारण बच्चों के खान-पान में त्रुटी बताया गया है। इसके अलावा कुछ संक्रमणों को भी इस समस्या के लिए जिम्मेदार बताया गया हैं। कहा गया है कि खान-पान संबंधी त्रुटियों में जन्म के एक घंटे के भीतर नवजात शिशु को माँ का दूध नहीं पिलाना, छह माह तक सिर्फ माँ का दूध न पिलाना या फिर छह माह की उम्र के बाद शिशु को माँ के दूध के साथ साथ घर में बने संपूरक आहार सही मात्रा में नहीं देना प्रमुख कारण हो सकते हैं। इस प्रकार की समस्याओं से पीडित बच्चे यदि किसी संक्रमण का शिकार हो जाते हैं, तो वे अल्प पोषण या कुपोषण की समस्या से पीडित हो जाते हैं। इस समस्या को समय पर पहचानने के लिए शिशुओं की नियमित रूप से स्वास्थ्य जाँच करना और उनके विकास पर निगरानी रखना ही सबसे आसान विकल्प बताया गया है। कुपोषण की तीन स्थितियों बताई गई हैं, जिनमें अंडर वेट, स्टंटिंग और दुबलेपन की विस्तार से जानकारी दी गई है। इन स्थितियों की पहचान प्रारम्भिक चरण में ही पहचान करने और आंगनवाडी अथवा पोषण पुनर्वास केंद्रों में उनका उपचार करने की सलाह दी गई है। बच्चों की जाँच के लिए इन्फेनेटोमीटर, बेबी वेइंग स्केल तथा स्टेडियोमीटर के उपयोग की विधि भी विस्तार से बताई गई है।
Dr.Hemalatha graduated (MBBS) and obtained an MD from Gandhi Medical College, Hyderabad, Dr. NTR University of Health Sciences, Andhra Pradesh. Currently she is the Director of ICMR-National Institute of Nutrition, Hyderabad. She led the seminal work on Nutrient requirements- the RDAs and EARs for Indians;
for the first time the Nutrient recommendations include the Estimated Average
Requirements (EAR) and also the Tolerable Upper Limits (TUL) of nutrients
alongside RDAs. The fortification strategies, food labelling, supplementation
programs are based on these recommendations. She also spearheaded ‘My Plate for
the Day’ which provides food-based guidelines for meeting micro and
macronutrient requirements to prevent undernutrition and NCDs. As part of the
Poshan Abhiyan initiative she developed 14 E-learning modules aimed at
empowering adolescents, young adults, Anganwadi teachers, ASHA workers and the
general public. She is also serving as the President of the Nutrition Society of India and as the Executive
Council Member of the Federation of Asian Nutrition Societies (FANS).
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