इस पाठ्यक्रम का उद्देय है -
Course Status : | Completed |
Course Type : | Core |
Language for course content : | English |
Duration : | 16 weeks |
Category : |
|
Level : | None |
Start Date : | 01 Dec 2020 |
End Date : | 31 Mar 2021 |
Enrollment Ends : | 31 Dec 2020 |
Exam Date : | 10 Apr 2021 IST |
Note: This exam date is subject to change based on seat availability. You can check final exam date on your hall ticket.
पहला सप्ताह
1. रीतिकालीन साहित्य और उसकी पृष्ठभूमि
2. काव्यशास्त्र की परंपरा और रीतिकाव्य
3. रीतिकालीन काव्य एवं लक्षण ग्रंथों की परंपरा
4. रीतिकाव्य का स्वरूप और वैशिष्ट्य
दूसरा सप्ताह
5. रीतिकाल का नामकरण एवं वर्गीकरण
6. आचार्य रामचंद्र शुक्ल की दृष्टि में रीतिकाल
7. आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र की दृष्टि में रीतिकाल
8. समकालीन प्रमुख आलोचकों की दृष्टि में रीतिकाल
तीसरा सप्ताह
9. रीतिकालीन काव्य भाषा
10. रीतिकाव्य और सौंदर्य बोध
11. रीतिकाल में कृष्ण काव्य
12. रीतिकाव्य में प्रकृति चित्रण
चौथा सप्ताह
13. रीतिकाल में गद्य लेखन
14. रीतिकाव्य में लोक जीवन
15. रीतिकाल की राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक काव्य धारा
16. रीतिकाव्य में नीति तत्व
पांचवा सप्ताह
17. रीतिकाल के अलक्षित कवि
18. कृष्ण भक्ति परंपरा में रीतिकाव्य का अवदान
19. राम भक्ति परंपरा में रीतिकाव्य का अवदान
20. केशवदास की काव्य कला
छठा सप्ताह
21. आधुनिक हिंदी काल में रीति परंपरा के कवि
22. काव्य शास्त्रीय परंपरा और चिंतामणि
23. मतिराम की काव्य संवेदना
24. भूषण की राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक चेतना
सातवां सप्ताह
25. भिखारीदास का काव्य मर्म
26. रहीम के साहित्य में लोक चेतना
27. सेनापति का प्रकृति चित्रण
28. बिहारी का काव्य वैभव
आठवां सप्ताह
29. बिहारी का वाग्वैदग्ध्य
30. प्रेम की पीर के कवि घनानंद
31. पद्माकर का काव्य सौंदर्य
32. आलम की काव्य संवेदना
नवां सप्ताह
33. रसोन्मत्त कवि बोधा
34. रीतिमुक्त कवि ठाकुर का काव्य सौंदर्य
35. रसलीन का सौंदर्य वर्णन
36. सूक्तिकार कवि वृंद
दसवां सप्ताह
37. लाल कवि की प्रबंध पटुता
38. विद्यारसिक कवि महराज विश्वनाथ सिंह
39. नीति की कुण्डलियों के कवि गिरधर कविराय
40. ऋतु वर्णन एवं उल्लास का कवि द्विजदेव
1. सिंह, बच्चन (2008), बिहारी का नया मूल्यांकन, इलाहाबाद : लोकभारती प्रकाशन
2. सिंह, बच्चन, रीतिकालीन कवियों की प्रेमव्यंजना, काशी : नागरी प्रचारिणी सभा
3. शर्मा, बालकिशन (2007), पद्माकर – काव्य का काव्यशास्त्रीय अध्ययन, गाजियाबाद : आकाश प. एंड डि.
4. शुक्ल, रामचंद्र (2010), हिंदी साहित्य का इतिहास, नयी दिल्ली : प्रकाशन संस्थान
5. चतुर्वेदी, रामस्वरूप (2007), हिंदी साहित्य और संवेदना का विकास, इलाहाबाद : लोकभारती प्रकाशन
6. मिश्र, विश्वनाथ प्रसाद (2000), बिहारी, वाराणसी : संजय बुक सेंटर
7. कुमार, सुधींद्र (2002), रीतिकाव्य की इतिहास दृष्टि, नयी दिल्ली : वाणी प्रकाशन
8. प्रसाद, शशिप्रभा (2007), रीतिकालीन भारतीय समाज, इलाहाबाद : लोकभारती प्रकाशन
9. शर्मा, सुधीर (1998), कविवर वृन्द : व्यक्तित्व एवं कृतित्व दिल्ली : स्वराज प्रकाशन
10. नवले, रमा (2010), भूषण का प्रशस्ति काव्य, कानपुर : विकास प्रकाशन
11. मिश्र, विश्वनाथ प्रसाद (2006), हिंदी साहित्य का अतीत, नयी दिल्ली : वाणी प्रकाशन
12. मिश्र, भगीरथ (1999), हिंदी रीति साहित्य, नई दिल्ली : राजकमल प्रकाशन प्रा.लि.
13. गुप्त, गणपतिचंद्र (2007), हिंदी साहित्य का वैज्ञानिक इतिहास, इलाहाबाद : लोकभारती प्रकाशन
14. वर्मा, डॉ. रामकुमार (2007), हिंदी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास, इलाहाबाद : लोकभारती प्रकाशन
15. डॉ. सविता (2013), बोधाकृत्त ‘इश्कनामा’ में रीति-तत्त्व, गाजियाबाद : कमला प्रकाशन
16. सिंह, प्रभाकर (सं) (2016), रीतिकाव्य मूल्यांकन के नये आयाम, इलाहाबाद : लोकभारती प्रकाशन
17. डॉ. नगेंद्र (2000), रीतिकाव्य की भूमिका : नोएडा : मयूर पेपर बैक्स
18. शर्मा, डॉ. रामकुमार (1992), देव और पद्माकर तुलनात्मक अध्ययन, दिल्ली : आत्माराम एंड संस
19. शर्मा, रामविलास (2002), परंपरा का मूल्यांकन, नई दिल्ली : राजकमल प्रकाशन
20. रत्नाकर, जगन्नाथदास (2010), बिहारी रत्नाकर, नयी दिल्ली : प्रकाशन संस्थान
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