साहित्य का इतिहास दर्शन पाठ्यक्रम को ज्ञान के विभिन्न अनुशासनों में स्वीकृति मिली है और इसे साहित्यिक अध्ययन के क्षेत्रों में आवश्यक प्रस्थान के बतौर पढ़ाया जाता रहा है। इस पाठ्यक्रम से छात्रों को - साहित्य के इतिहास में निहित विचारधाराओं और सिद्धांतों का परिचय मिलेगा, समाज के इतिहास और भाषा तथा साहित्य के इतिहास के अन्तःसम्बन्धों को समझने में मदद मिलेगी और साहित्येतिहास को केन्द्र में रखकर अनुवाद, पांडुलिपियों, लोकसाहित्य और लोकभाषाओं पर विचार करने का अवसर मिलेगा। इस पाठ्यक्रम का आरम्भ साहित्येतिहास की अवधारणा को समझने से होगा और फिर धीरे-धीरे साप्ताहिक मॉड्यूलों के माध्यम से साहित्येतिहास की विभिन्न दृष्टियों, पद्धतियों, समस्याओं और साहित्येतिहास लेखन की चर्चा की जाएगी। यह पाठ्यक्रम छात्रों को साहित्य और ऐतिहासिक कालखंडों, संदर्भों और सिद्धांतों के बीच के सम्बन्ध को स्पष्ट करने में उपयोगी होगा। इस पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद छात्र- साहित्येतिहास दर्शन के बारे में आलोचनात्मक समझ विकसित करने में सक्षम हो सकेंगें, साहित्येतिहास दर्शन और लेखन के बारे में अपनी स्वतन्त्र राय विकसित कर सकेंगे, साहित्य की विभिन्न परम्पराओं की निरंतरता और विच्छेद के कारणों को समझ सकेंगे और साहित्य की प्रवृत्तियों, विकास और परम्परा के विकास को ऐतिहासिक विकास के परिप्रेक्ष्य में रखकर देख सकने की क्षमता अर्जित कर सकेंगे। चूंकि यह पाठ्यक्रम हिन्दी भाषा माध्यम से ही उपलब्ध है इसीलिए छात्रों से हिन्दी भाषा का परिचय अपेक्षित है।
Course Status : | Completed |
Course Type : | Core |
Language for course content : | Hindi |
Duration : | 15 weeks |
Category : |
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Credit Points : | 4 |
Level : | Postgraduate |
Start Date : | 13 Jan 2020 |
End Date : | 30 Apr 2020 |
Enrollment Ends : | 08 Mar 2020 |
Exam Date : | 10 May 2020 IST |
Note: This exam date is subject to change based on seat availability. You can check final exam date on your hall ticket.
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