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Aesthetic of Taal (तालों का सौन्दर्य शास्त्र)

By Dr. Rahul Swarnkar   |   Dr. Harisingh Gour Vishwavidyalaya sagar MP
Learners enrolled: 397
यह पाठ्यक्रम शास्त्रीय संगीत के विद्यार्थियों को ध्यान में रखकर निर्मित किया गया है वर्तमान श जो की गायन वादन और नृत्य के क्षेत्र में ताल को समझने में सहायक होगा जिसका सीधा लाभ बंदिशों के प्रस्तुतीकरण को प्रभावी बनाने और परंपरागत संगीत (विभिन्न घरानों की उपलब्ध बंदिशों जिनका साहित्यिक वर्णन अप्राप्त है और आज भी शोध का विषय बना हुआ है ) का आकलन कर प्रस्तुत किया जायेगा ताकि घरानेदार और वर्तमान शिक्षा पद्धति के बीच सेतु का कार्य करेगा ।  वर्तमान परिवर्तित शिक्षा पद्धति और संगीत के क्षेत्र में हो रहे नवीनतम प्रयोगों को ध्यान में रखते हुए ताल और संगीत की कला से उत्पन्न हुए सौन्दर्य को समझाने का प्रयास किया गया है। सौन्दर्य शब्द जो कि ललित कलाओं का मुख्य उद्देश्य है, इसका कई पहलुओं से अध्ययन कर उसे छात्रों और संगीत जगत के समक्ष रखने का प्रयास है जिसमें भारत के कई विद्वानों के विचारों को पाठ्यक्रम के माध्यम से आप सभी के सामने रखा जाएगा । आशा है आप सभी इसका अधिक से अधिक जुडकर इसका लाभ लेंगे ।   
Summary
Course Status : Upcoming
Course Type : Core
Language for course content : Hindi
Duration : 12 weeks
Category :
  • Arts
Credit Points : 3
Level : Undergraduate
Start Date : 15 Jan 2025
End Date : 30 Apr 2025
Enrollment Ends : 28 Feb 2025
Exam Date : 24 May 2025 IST
NCrF Level   : 5.5
Exam Shift :

II

Note: This exam date is subject to change based on seat availability. You can check final exam date on your hall ticket.


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Course layout

WEEK 1 विषय प्रवर्तन 
तालः-उत्पत्ति एवं विकास
ताल के तत्वः मात्रा, सम, ताली, खाली,मात्रा,विभाग

WEEK 2 जाति भेद
उत्तर भारतीय ताल पद्धति
तिहाई रचना सिद्धांत भाग 01

WEEK 3 तिहाई रचना सिद्धांत भाग 02
शास्त्रीय गायन में  ताल सौन्दर्य
उपशास्त्रीय गायन में  ताल सौन्दर्य

WEEK 4 कथक नृत्य में  ताल भाग -1
कथक नृत्य में  ताल भाग -2
तंत्र वाद्य में ताल सौन्दर्य  

WEEK 5 विस्तारशील रचनाऐं
अविस्तारशील रचनाऐं
लय एवं लयकारी 

WEEK 6 वाद्य वर्गीकरणः- अवनद्य, त्तंत्र, घन एवं सुशिर
अवनद्य वाद्य:- उत्पत्ति एवं विकास
ताल के दश प्राण     

WEEK 7 संगीत और सौन्दर्य की व्याख्या
तालों का सौन्दर्य गायन वादन नृत्य के सन्दर्भ में 
बंदिश:- सौन्दर्यात्मक अर्थ एवं व्याख्या  

WEEK 8 लग्गी लड़ी:-भाग 1 अर्थ एवं उत्पत्ति
लग्गी लड़ी:-भाग 2 वादन सामग्री एवं विभिन्न दृष्टिकोण
लग्गी लड़ी:-भाग 3 प्रायोगिक विवरण एवं उदाहरण तबले के प्रमुख घराने 

WEEK 9 पश्चिम बाज :- वादन शैली
पूरब  बाज :- वादन शैली
समान मात्रा की तालों का तुलनात्मक अध्ययन 

WEEK 10 कर्नाटक ताल पद्धति
मार्गीताल पद्धति
देशी ताल पद्धति

WEEK 11 सांगीतिक वार्ता 1 (तंत्र वाद्य)
सांगीतिक वार्ता 2 (ध्रुपद गायन )
सांगीतिक वार्ता 3 (अवनद्य वाद्य)

Books and references

1. सिंह विश्वनाथ- ताल सर्वांग छत्तीशगढ़ राज्य हिन्दी ग्रंथ आकदमी 
2. मिश्र विजय शंकर, तबलापुराण कनिष्क प्रकाशन  
3. मिश्र विजय शंकर, तबलापुराण कनिष्क प्रकाशन  
4. माईणकर सुधीर, तबला वादन कला और शास्त्र गंधर्व महाविद्यालय मंडल  
5. नारायण डॉ. प्रेम, बनारस घराने के तबला वादन में मुखड़ा कनिष्क  
6. मूलगांवकर अरविंद - तबला लुमिनस् बुक्स वाराणसी  
7. माइणकर सुधीर - तबला - वादन कला और शास्त्र मिरज  
8. माइणकर सुधीर - तबला - वादन कला और शास्त्र मिरज  
9. राम डॉ.  सुदर्शन, तबले के घराने वादन शैलियाँ एवं बंदिशें, कनिष्क  
10. चिश्ती डॉ.  एस.आर. - तबला संचयन कनिष्क  
11. मिश्र पंडित छोटे लाल - ताल प्रबंध कनिष्क  
12. माईणकर सुधीर, तबला वादन कला और शास्त्र गंधर्व महाविद्यालय मंडल  
13. मिश्र पं. विजय शंकर, तबलापुराण कनिष्क प्रकाशन  
14. मुलगावकर अरविंद - तबला लुमिनस् बुक्स वाराणसी  
15. चिश्ती डॉ. एस.आर. - तबला संचयन कनिष्क प्रकाशन नई दिल्ली  
16. मिश्र पंडित छोटे लाल - ताल प्रबंध कनिष्क प्रकाशन नई दिल्ली  
17. सिंह डॉ. प्रेम नारायण - बनारस घराने के तबला - वादन में मुखड़ा कनिष्क प्रकाशन
18. वसुधा डॉ सक्सेना- ताल के लक्ष्य-लक्षण स्वरूप में एकरूपता   
19. पाण्डेय  डॉ. विपुल –पखावज एवं तबला की शिक्षण पद्धति 
20. स्वर्णकार डॉ राहुल, तबले की परम्परागत शैली का अस्तित्व वर्तमान परिप्रेक्ष्य में 
21. सोनी डॉ. हरिओम –संगीत शोध विमर्श 
22. सक्सेना गुलशन- भारतीय ताल में एकता में अनेकता की खोज  
23. चौधरी सुभाष- रानी संगीत क्र प्रमुख सिद्धांत 
24. मोघे उमेश वी.-संगीत रत्नाकर के ताल तत्व

Instructor bio

Dr. Rahul Swarnkar

Dr. Harisingh Gour Vishwavidyalaya sagar MP
डॉ राहुल स्वर्णकार ने तबले कि प्रारम्भिक शिक्षा श्री विभूति मलिक जी से तथा आगे कि शिक्षा बनारस घराने के पंडित छोटेलाल मिश्र जी, पंडित रामकुमार मिश्र जी से हुई, इसके पश्चात पन्डित राम स्वरूप रतोनिया जी के सानिध्य में अपनी शिक्षा ली और भारत सरकार की संस्कृति मंत्रालय की छात्रवृत्ति भी प्राप्त की । तबला विषय में स्नातकोत्तर की उपाधी खैरागढ़ विश्विद्यालय छ. ग. से सर्वोच्च अंकों के साथ उस्ताद अहमद जान थिरकवा स्वर्ण पदक एवं सेठ बालकृष्ण रजत पदक प्राप्त कर पूर्ण की । संगीत कोविद संगीत प्रवीण, यू. जी.सी. नेट और बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय से पी. एच. डी. की उपाधि भी प्राप्त की है। वर्तमान में आप डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर म.प्र.के संगीत विभाग में तबला विषय के सहायक प्राध्यापक हैं । इसके पहले माधव संगीत महाविद्यालय इन्दौर, उज्जैन  तथा नूतन कन्या महाविद्यालय भोपाल म.प्र. में अपनी सेवाएं दे चुके हैं । केंद्रीय विद्यालय चेन्नई प्रान्त, में संगीत शिक्षक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। आप कई राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित भी कर चुके हैं । संगीत विषयक 20 से अधिक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सेमीनार में शोधपत्र प्रस्तुत कर चुके हैं । कई पुस्तकों में लेख और संगीत विषयक एक पुस्तक भी प्रकाशित हो चुकी है। अकादमिक गतिविधियों के साथ मंचीय प्रस्तुति में भी समान रूप से सक्रिय हैं । आप अकाशवाणी एवं दूरदर्शन के नियमित एवं बी हाई श्रेणी के कलाकार हैं। देश के कई मंचों के अलावा वर्ष 2018 में फ्रांस के बेल्फोर्ट में अंतरराष्ट्रीय फीमो फेस्टिवल में भारत की तरफ से सहभागिता की। वर्तमान में कई विद्यार्थी आपके सानिध्य में तबला वादन की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और राष्ट्रीय छात्रवृत्ति भी प्राप्त कर रहे हैं । इसके अलावा कई सम्मान भी प्राप्त कर चुके हैं जिनमें ताल मनीषी सम्मान, कला निधि सम्मान, संगीत रत्न सम्मान, ताल साधक सम्मान आदि प्रमुख हैं। कई संस्थानों के परीक्षक के रूप में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं।   ।

Course certificate

Yes 


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