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MHD-05: साहित्य सिद्धान्त और समालोचना

By डॉ. रीता सिन्हा   |  
Learners enrolled: 144

एम.ए. हिंदी के विद्यार्थियों के लिए ‘MHD 05 साहित्य सिद्धांत और समालोचना’ का यह पाठ्यक्रम प्रस्तुत है । यह 8 क्रेडिट का पाठ्यक्रम है । एम. ए. हिन्दी के अन्य पाठ्यक्रमों में आप ने विभिन्न रचनाकारों और उनकी कृतियों यानी सृजनात्मक साहित्य का अध्ययन किया है । प्रस्तुत पाठ्यक्रम में आप साहित्यशास्त्र के सिद्धांतों और साहित्य समीक्षा अथवा आलोचना के विषय में अध्ययन करेंगे । हो सकता है आप में से कुछ विद्यार्थियों ने स्नातक स्तर पर साहित्य सिद्धांत विषयक कोई जानकारी प्राप्त की हो किंतु आप में से अधिकांश के लिए यह विषय नया है । साहित्य का मूल्यांकन करने वाला या साहित्य के सौंदर्य की परख करने वाला शास्त्र साहित्यशास्त्र कहलाता है । संस्कृत में इस शास्त्र के लिए अनेक नाम प्रचलित रहे हैं । काव्यशास्त्र, अलंकार शास्त्र, साहित्य विद्या, काव्यमीमांसा,  साहित्य मीमांसा, क्रियाकल्प इत्यादि । इस शास्त्र में काव्य सौंदर्य का परीक्षण कर आधारभूत सिद्धांतों का प्रतिपादन किया जाता है और इन सिद्धांतों के आधार पर ही काव्य के विविध अंगों का मूल्यांकन होता है । प्रस्तुत पाठ्यक्रम में भारतीय और पाश्चात्य चिंतन की परंपरा की जानकारी देते हुए प्रमुख आचार्यों और उनके सिद्धांतों के बारे में बताया गया है । प्राचीन सिद्धांतों के खंडन-मंडन और नवीन सिद्धांतों की स्थापना के प्रमुख बिंदुओं से अवगत कराने के साथ-साथ विद्यार्थियों को उन प्रमुख चिंतन श्रेणियों और विचारधाराओं से भी परिचित कराया गया है जिन्होंने आधुनिक आलोचना पद्धतियों को दिशा और दृष्टि दी । भारतीय और पाश्चात्य साहित्य चिंतन दृष्टि में समानता अथवा विषमता के महत्वपूर्ण पक्षों को उद्घाटित करते हुए विद्यार्थियों को भारतीय साहित्य के संदर्भ में उनकी प्रासंगिकता की पहचान कराई गई है । हिंदी आलोचना के विकास एवं स्वरूप की जानकारी दी गई है तथा प्रमुख हिंदी आलोचकों के योगदान पर प्रकाश डाला गया है । हमें विश्वास है कि यह पाठ्यक्रम हिंदी काव्यशास्त्र और आलोचना को समझने में आपके लिए अवश्य सहायक सिद्ध होगा ।।


Summary
Course Status : Completed
Course Type : Core
Language for course content : Hindi
Duration : 16 weeks
Category :
  • Humanities and Social Sciences
Credit Points : 8
Level : Postgraduate
Start Date : 01 Sep 2021
End Date :
Enrollment Ends : 30 Oct 2021
Exam Date :

Page Visits



Course layout

Week – 1  

इकाई 1 : काव्य लक्षण अथवा काव्य की परिभाषा 

इकाई 2 : काव्य प्रेरणा और काव्य हेतु 

Week – 2

इकाई 3 : काव्य प्रयोजन 

इकाई 4 : शब्द - शक्ति विवेचन 

Week – 3  

इकाई 5 : भारतीय काव्यशास्त्र के प्रमुख संप्रदाय – 1

Week – 4

इकाई 6 : भारतीय काव्यशास्त्र के प्रमुख संप्रदाय – 2

Week – 5  

इकाई 7 : रस की परिभाषा, स्वरूप और रस निष्पत्ति 

Week – 6

इकाई 8 : साधारणीकरण 

इकाई 9 : काव्य का अधिकारी 

Week – 7

इकाई 10 : प्लेटो का काव्य चिंतन 

इकाई 11 : अरस्तू का साहित्य चिंतन 

Week – 8

इकाई 12 : लांजाइनस : उदात्त की अवधारणा 

इकाई 13 : जॉन ड्राइडन : युग परिवेश और आलोचना सिद्धांत 

Week – 9

इकाई 14 : स्वच्छंदतावादी काव्य चिंतन : वर्ड्सवर्थ और कॉलरिज  

इकाई 15 : मैथ्यू आर्नल्ड : कला और नैतिकता 

Week – 10  

इकाई 16 : क्रोचे का अभिव्यंजनावाद 

इकाई 17 : टी. एस. इलियट का साहित्य चिंतन 

Week – 11

इकाई 18 : आई. ए. रिचर्ड्स का साहित्य चिंतन 

इकाई 19 : नई समीक्षा (न्यू क्रिटिसिज्म) के प्रमुख सिद्धांत 

Week – 12  

इकाई 20 : आभिजात्यवाद एवं स्वच्छंदतावाद 

इकाई 21 : मनोविश्लेषणवादी आलोचना 

Week – 13

इकाई 22 : मार्क्सवादी आलोचना 

इकाई 23 : साहित्य चिंतन के विविध वाद 

Week – 14

इकाई 24 : साहित्य अध्ययन की प्रमुख पद्धतियां 

इकाई 25 : अस्तित्ववाद, आधुनिकतावाद और उत्तर-आधुनिकता

Week – 15  

इकाई 26 : साहित्य की आधुनिक अवधारणा और आचार्य रामचंद्र शुक्ल 

इकाई 27 : शुक्लोत्तर हिंदी आलोचना 

Week – 16

इकाई 28 : हिंदी की मार्क्सवादी आलोचना और डॉ. रामविलास शर्मा 

इकाई 29 : साहित्य की विधाएं

Books and references

  1. काव्यशास्त्र, डॉ. भागीरथ मिश्र

  2. संस्कृत आलोचना, आचार्य बलदेव उपाध्याय

  3. भारतीय काव्यशास्त्र की भूमिका, डॉ.नगेंद्र

  4. रस विमर्श, आचार्य राममूर्ति त्रिपाठी 

  5. पाश्चात्य काव्यशास्त्र, डॉ.देवेन्द्रनाथ शर्मा 

Instructor bio

डॉ. रीता सिन्हा

डॉ. रीता सिन्हा एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी संकाय मानविकी विद्यापीठ, इग्नू डॉ. रीता सिन्हा इग्नू के मानविकी विद्यापीठ में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं । शिक्षा-एम.ए (हिंदी),बी.एड., पीएच.डी. प्राध्यापन- सन् 2007 से मिरांडा हाउस, कमला नेहरू कॉलेज, एसपीएम कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) में तदर्थ असिस्टेंट प्रोफेसर 06.09.2016 से 22.08.2021 तक वर्द्धमान विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर । संप्रति- मानविकी विद्यापीठ हिंदी, इग्नू में एसोसिएट प्रोफेसर । लेखन- सन् 1988 से सन् 1995-2003 तक आकाशवाणी पटना से कहानियों, कविताओं एवं वार्ताओं का प्रसारण। सन् 2003-2005 तक पटना दूरदर्शन से कविताएँ प्रसारित । * पुस्तक - आलोचनात्मक पुस्तक ‘पुनर्सृजनःअंतर्दृष्टि और यथार्थबोध’, समकालीन कथा साहित्य का सौंदर्यशास्त्र; कहानी संग्रह-‘डेस्कटॉप’ और ‘इनबॉक्स के अधूरे पन्ने’; कविता संग्रह- ‘ठहर गया बसंत’ * समीक्षा एवं लेख-समकालीन भारतीय साहित्य, भाषा, पूर्वग्रह, गगनांचल, विश्वभारती पत्रिका, आजकल, समीक्षा, आगमन, मुक्तांचल, पाखी, नई धारा, इंडिया टुडे, दि पब्लिक एजेंडा, जनसत्ता, लमही, वागर्थ, हिंदुस्तान, राष्ट्रीय सहारा आदि में दो सौ से अधिक आलोचनात्मक लेख और समीक्षाएँ प्रकाशित। * कथादेश, नई धारा, पाखी, वागर्थ, जनसत्ता का वार्षिक विशेषांक, जनसत्ता आदि में कहानियाँ प्रकाशित।


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