एम.ए. हिंदी के विद्यार्थियों के लिए ‘MHD-13 उपन्यास: स्वरूप और विकास’ का यह पाठ्यक्रम प्रस्तुत है । यह 4 क्रेडिट का पाठ्यक्रम है। एम. ए. हिन्दी के अन्य पाठ्यक्रमों में आप ने विभिन्न रचनाकारों और उनकी कृतियों यानी सृजनात्मक साहित्य का अध्ययन किया है। प्रस्तुत पाठ्यक्रम में आप उपन्यास के उदय, स्वरूप व इसके विकास की यात्रा के विषय में अध्ययन करेंगे। हो सकता है आप में से कुछ विद्यार्थियों ने स्नातक स्तर पर उपन्यास संबंधी कुछ जानकारी हासिल की होगी किन्तु आप में से अधिकांश विद्यार्थियों के लिए यह विषय नया है।
भारतीय उपन्यास की शुरुआत आधुनिक युग की वास्तविकता से मानी जाती है। फिर भी भारतीय उपन्यास की रचना के स्त्रोत अधिकतर भारतीय आख्यान रहे हैं। लाला श्रीनिवासदास के ‘परीक्षागुरु’ (1882) को रामचन्द्र शुक्ल ने अंग्रेजी ढंग का पहला नॉवल माना है। इससे पहले जगमोहन सिंह का ‘श्यामा स्वप्न’ भी अंग्रेजी ढंग का ना सही लेकिन इसी श्रेणी में आता है। धीरे-धीरे उपन्यास लेखन की परंपरा आगे बढ़ती चली गई प्रेमचंद युग तक आते-आते यह परंपरा बहुत ऊंचाइयों तक पहुँच जाती है। प्रेमचंद का ‘गोदान’(1936) समाज के नए यथार्थ से हमारा परिचय करवाता है, हिन्दी उपन्यास की परंपरा में यह मील का पत्थर है। प्रेमचंदोत्तर युग में अज्ञेय (शेखर एक जीवनी (1941)), यशपाल (झूठा-सच (1958-64)), फणीश्वर नाथ रेणु (मैला आँचल (1954)), आजादी के बाद के वर्षों में भीष्म साहनी (तमस (1973)), कृष्ण सोबती (जिंदगीनामा), मन्नू भण्डारी का (आपका बंटी) से यह आज तक जारी है। प्रस्तुत पाठ्यक्रम में न केवल भारतीय उपन्यास के विकास की परंपरा बल्कि विश्व साहित्य में उपन्यास की परंपरा का भी मूल्यांकन किया गया है। यहाँ उपन्यास की परंपरा के साथ-साथ विद्यार्थियों को उपन्यास में नवजागरण, राष्ट्रीय आंदोलन का प्रभाव, विचारधाराओं का प्रभाव व उपन्यास पर नए विमर्शों के प्रभाव पर भी चर्चा की गई है। विद्यार्थियों को उपन्यास में आलोचना व भारतीय परिवेश में स्त्री व दलित जीवन के चित्रण का भी परिचय करवाया गया है। हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि यह पाठ्यक्रम उपन्यास व उससे संबन्धित जानकारियों को समझने में विद्यार्थियों की मदद अवश्य करेगा।
1. निर्मल वर्मा: शताब्दी के ढलते वर्षों में
2. प्रेमचंद: साहित्य का उद्देश्य
3. गोपाल राय: उपन्यास का शिल्प
4. रामदरश मिश्र: हिन्दी उपन्यास
5. जॉर्ज लुकाच: उपन्यास का सिद्धान्त
6. राजेन्द्र यादव: उपन्यास स्वरूप और संवेदना
7. नन्द किशोर नवल: हिन्दी आलोचना का इतिहास
8. चन्द्रकान्त बांदिवडेकर: मराठी साहित्य
9. रं श्री मुगलि: कन्नड़ साहित्य का इतिहास
10. के. भास्कर नायर: मलयालम साहित्य का इतिहास
11. गोपाल राय: हिन्दी उपन्यास का इतिहास
12. रैल्फ फॉक्स: उपन्यास और लोकजीवन
डॉ. हर्षिता
सहायक प्रोफेसर, हिंदी संकाय
मानविकी विद्यापीठ, इग्नू
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