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MHD-13 उपन्यास : स्वरूप और विकास

By डॉ. हर्षिता   |   इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
Learners enrolled: 56

एम.ए. हिंदी के विद्यार्थियों के लिए ‘MHD-13 उपन्यास: स्वरूप और विकास’ का यह पाठ्यक्रम प्रस्तुत है । यह 4 क्रेडिट का पाठ्यक्रम है। एम. ए. हिन्दी के अन्य पाठ्यक्रमों में आप ने विभिन्न रचनाकारों और उनकी कृतियों यानी सृजनात्मक साहित्य का अध्ययन किया है। प्रस्तुत पाठ्यक्रम में आप उपन्यास के उदय, स्वरूप व इसके विकास की यात्रा के विषय में अध्ययन करेंगे। हो सकता है आप में से कुछ विद्यार्थियों ने स्नातक स्तर पर उपन्यास संबंधी कुछ जानकारी हासिल की होगी किन्तु आप में से अधिकांश विद्यार्थियों के लिए यह विषय नया है। 


भारतीय उपन्यास की शुरुआत आधुनिक युग की वास्तविकता से मानी जाती है। फिर भी भारतीय उपन्यास की रचना के स्त्रोत अधिकतर भारतीय आख्यान रहे हैं। लाला श्रीनिवासदास के ‘परीक्षागुरु’ (1882) को रामचन्द्र शुक्ल ने अंग्रेजी ढंग का पहला नॉवल माना है। इससे पहले जगमोहन सिंह का ‘श्यामा स्वप्न’ भी अंग्रेजी ढंग का ना सही लेकिन इसी श्रेणी में आता है। धीरे-धीरे उपन्यास लेखन की परंपरा आगे बढ़ती चली गई प्रेमचंद युग तक आते-आते यह परंपरा बहुत ऊंचाइयों तक पहुँच जाती है। प्रेमचंद का ‘गोदान’(1936) समाज के नए यथार्थ से हमारा परिचय करवाता है, हिन्दी उपन्यास की परंपरा में यह मील का पत्थर है। प्रेमचंदोत्तर युग में अज्ञेय (शेखर एक जीवनी (1941)), यशपाल (झूठा-सच (1958-64)), फणीश्वर नाथ रेणु (मैला आँचल (1954)), आजादी के बाद के वर्षों में भीष्म साहनी (तमस (1973)), कृष्ण सोबती (जिंदगीनामा), मन्नू भण्डारी का (आपका बंटी) से यह आज तक जारी है। प्रस्तुत पाठ्यक्रम में न केवल भारतीय उपन्यास के विकास की परंपरा बल्कि विश्व साहित्य में उपन्यास की परंपरा का भी मूल्यांकन किया गया है। यहाँ उपन्यास की परंपरा के साथ-साथ विद्यार्थियों को उपन्यास में नवजागरण, राष्ट्रीय आंदोलन का प्रभाव, विचारधाराओं का प्रभाव व उपन्यास पर नए विमर्शों के प्रभाव पर भी चर्चा की गई है। विद्यार्थियों को उपन्यास में आलोचना व भारतीय परिवेश में स्त्री व दलित जीवन के चित्रण का भी परिचय करवाया गया है। हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि यह पाठ्यक्रम उपन्यास व उससे संबन्धित जानकारियों को समझने में विद्यार्थियों की मदद अवश्य करेगा।


Summary
Course Status : Completed
Course Type : Core
Language for course content : Hindi
Duration : 16 weeks
Category :
  • Humanities and Social Sciences
Credit Points : 4
Level : Postgraduate
Start Date : 15 Feb 2022
End Date :
Enrollment Ends : 15 Mar 2022
Exam Date :

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Course layout

MHD-13 उपन्यास : स्वरूप और विकास

सप्ताह

ई-सामग्री (पीडीएफ/ई-बुक्स)

सप्ताह–1

इकाई 1: आख्यान के विभिन्न रूप और उपन्यास

इकाई 2: उपन्यास का अर्थ और स्वरूप

सप्ताह–2

इकाई 3: उपन्यास का उदय और उसके कारण

इकाई 4: उपन्यास और अन्य विधाएँ

सप्ताह–3

इकाई 5: उपन्यास: वस्तु और शिल्प

सप्ताह–4

इकाई 6: उपन्यास की भाषिक संरचना

सप्ताह–5

इकाई 7: उपन्यास: वर्गीकरण और उसके विभिन्न आधार

इकाई 8: उपन्यास की आलोचना दृष्टियाँ

सप्ताह–6

इकाई 9: विश्व साहित्य में उपन्यास

सप्ताह–7

इकाई 10: उन्नीसवीं सदी के यूरोपीय उपन्यास-1

इकाई 11: उन्नीसवीं सदी के यूरोपीय उपन्यास-2

सप्ताह–8

इकाई 12: बीसवीं सदी के उपन्यास

सप्ताह–9

इकाई 13: भारतीय उपन्यास की अवधारणा

सप्ताह–10

इकाई 14: नवजागरण और भारतीय उपन्यास

सप्ताह–11

इकाई 15: राष्ट्रीय आंदोलन और भारतीय उपन्यास

सप्ताह–12

इकाई 16: स्वतंत्र्योत्तर भारतीय उपन्यास

सप्ताह–13

इकाई 17: नवजागरण और हिन्दी उपन्यास का उदय

सप्ताह–14

इकाई 18: राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन और हिन्दी उपन्यास

सप्ताह–15

इकाई 19: स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी उपन्यास

सप्ताह–16

इकाई 20: हिन्दी उपन्यास-आलोचना का विकास

Books and references

1. निर्मल वर्मा: शताब्दी के ढलते वर्षों में

2. प्रेमचंद: साहित्य का उद्देश्य

3. गोपाल राय: उपन्यास का शिल्प

4. रामदरश मिश्र: हिन्दी उपन्यास

5. जॉर्ज लुकाच: उपन्यास का सिद्धान्त

6. राजेन्द्र यादव: उपन्यास स्वरूप और संवेदना

7. नन्द किशोर नवल: हिन्दी आलोचना का इतिहास

8. चन्द्रकान्त बांदिवडेकर: मराठी साहित्य

9. रं श्री मुगलि: कन्नड़ साहित्य का इतिहास

10. के. भास्कर नायर: मलयालम साहित्य का इतिहास

11. गोपाल राय: हिन्दी उपन्यास का इतिहास

12. रैल्फ फॉक्स: उपन्यास और लोकजीवन


Instructor bio

डॉ. हर्षिता

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
मानविकी विद्यापीठ के हिंदी संकाय में अध्यापनरत डॉ. हर्षिता हिन्दी साहित्य, सिनेमा व स्त्री संबंधी विषयों की जानकारी रखती हैं। इनकी एम. ए. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, से व एम. फिल., पी.एच.डी. व पी.डी.एफ., दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली से हुई है। इनके पास चार वर्षों का कालिंदी कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय) में पढ़ाने का अनुभव है। इन्होंने ‘अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन स्टेडीज़’ (AIIS) में भी विदेशी विद्यार्थियों को हिन्दी शिक्षण का काम भी किया।

डॉ. हर्षिता

सहायक प्रोफेसर, हिंदी संकाय

मानविकी विद्यापीठ, इग्नू


Course certificate

Post Graduate


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