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SSB-002: Dwitiya Bodhah (सरल संस्‍कृत बोध ‘’ द्वितीयबोध:")

By डॉ. देवेश कुमार मिश्र   |   इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
Learners enrolled: 145

सरल संस्‍कृत बोधस्‍य द्वितीये पाठ्यक्रमे भवताम् अभिनन्‍दनम् । अस्मिन्‍ पाठ्यक्रमे शब्‍दरूपचरिचय , लकार, काल, धतुरूप , उपसर्ग, प्रत्‍यय , अव्‍यय, समयबोध , दिशाबोध , प्रश्‍नवाचकशब्‍दा: , सुभाषितानि , नीतिवचनानि , संस्‍कृतकथा:, संस्‍कृतगीतानि , हास्‍यकणिकानां वर्णनम् अस्ति।

इस द्वितीय पाठ्यक्रम में आप सभी का अभिनन्‍दन है। इसमें  शब्‍दरूपचरिचय , लकार, काल, धतुरूप , उपसर्ग, प्रत्‍यय , अव्‍यय, समयबोध , दिशाबोध , प्रश्‍नवाचकशब्‍द , सुभाषित , नीतिवचन , संस्‍कृतकथा, संस्‍कृतगीत , हास्‍यकणिका वर्णन है।


Summary
Course Status : Completed
Course Type : Core
Language for course content :
Duration : 16 weeks
Category :
  • Language
Credit Points : 4
Level : Certificate
Start Date : 01 Sep 2022
End Date :
Exam Date :

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Course layout

सप्ताह

शीर्षक

सप्ताह-1

शब्दरूपपरिचयः -  प्रथमो भाग:

सप्ताह-2

शब्दरूपपरिचयः - द्वितीयो भाग

सप्ताह-3

लकारपरिचयः

सप्ताह-4

कालपरिचय

सप्ताह-5

धातुरूपपरिचयः प्रथमो भाग:  

सप्ताह-6

धातुरूपपरिचयः द्वितीयो भाग:

सप्ताह-7

उपसर्ग-परिचय: प्रयोगश् 

सप्ताह-8

प्रत्यय परिचयः प्रयोगश्च

सप्ताह-9

अव्ययपरिचयः प्रयोगश्च

सप्ताह-10

समयबोधः दिशाबोधश् 

सप्ताह-11

प्रश्नवाचकशब्दा

सप्ताह-12

व्यवहारसंस्कृतम्

सप्ताह-13

भाषाभ्यास:   

सप्ताह-14

सुभाषितानि, नीतिवचनानि 

सप्ताह-15

संस्कृतकथाः 

सप्ताह-16 

संस्कृतगीतानि, हास्यकणिका

Books and references

  • लघुसिद्धान्तकौमुदी (आचार्यवरदराज), 

  • प्रौढरचनानुवादकौमुदी (आचार्यकपिलदेवद्विवेदी) 

  • रूपचन्द्रिका (डॉ॰ब्रह्मानन्दत्रिपाठी)

  • संस्कृतस्वाध्यायः(प्रथमादीक्षा),संस्कृतस्वाध्यायः (द्वितीयादीक्षा) 

  • प्रकाशक:- केन्द्रीयसंस्कृतविश्वविद्यालय, नवदेहली

  • व्यावहारिकसंस्कृतप्रशिक्षक(प्रकाशकः- उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम्, लखनऊ

  • सुगमशब्दरूपावली(प्रकाशकः- सार्वभौम संस्कृत प्रचार संस्थानम्, वाराणसी 

  • संस्कृतवाक्यसाहस्री (प्रकाशिका - संस्कृतभारती, नवदेहली 

  • https://egyankosh.ac.in/handle/123456789/79018

Instructor bio

डॉ. देवेश कुमार मिश्र

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
दीनदयाल उपाध्‍याय गोरखपुर विश्‍वविद्यालय गोरखपुर से  डॉ0 मिश्र ने संस्‍कृत विषय में स्‍वर्ण पदक के साथ परास्‍नातक उपाधि प्राप्‍त करके दो बार यू.जी.सी. नेट, जे.आर.एफ. परीक्षा उत्‍तीर्ण की।  2005 में 16 वीं शताब्‍दी के आधुनिक काव्‍यशास्‍त्रीय ग्रन्‍थ अलंकारशेखर की पाण्डुलिपि प्राप्‍त करके शोधकार्य सम्‍पन्‍न किया । साथ ही शिक्षाशास्‍त्र में बी.एड. उपाधि भी ग्रहण की । प्राचीन इतिहास विषय में परास्‍नातक उपाधि एक अतिरिक्‍त उपलब्धि  है । संस्‍कृत भाषा के व्‍याकरण के पठन- पाठन हेतु दो पुस्‍तकें गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के स्‍नातक पाठ्यक्रमानुसार प्रकाशित व प्रचलित भी हैं । इनके राष्‍ट्रीय तथा अन्‍तर्राष्‍ट्रीय पत्रिकाओं में 20 से अधिक गवेषणात्‍मक शोध पत्र भी प्रकाशित हैं । डॉ0 मिश्र ने सम्पादित पुस्‍तकों में अध्‍याय  लेखन के साथ-साथ पुनश्‍चर्या पाठ्यक्रमों में कई व्‍याख्‍यान भी दिये हैं । ऑनलाइन व्‍याख्‍यानों की श्रृखंला में 25 से अधिक व्‍याख्‍यान आपने विभिन्‍न विषयों पर प्रदान किया है। दूरस्‍थ शिक्षा के संस्‍कृत विषयक विभिन्‍न क्षेत्रों में 50 से अधिक इकाईया लिखित व प्रकाशित हैं।


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