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MHD-14 Hindi Upanyas-1 (Premchand Vishesh)

By प्रो. नरेंद्र मिश्र   |   इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
Learners enrolled: 140
एम. ए. हिंदी के विद्यार्थियों के लिए MHD-14: हिंदी उपन्यास -1 (प्रेमचंद का विशेष अध्ययन) का यह पाठ्यक्रम प्रस्तुत है। यह 4 क्रेडिट का पाठ्यक्रम है। एम. ए. हिंदी के अन्य पाठ्यक्रमों में आपने विभिन्न रचनाकारों और उनकी कृतियों यानी सृजनात्मक साहित्य का अध्ययन किया है। प्रस्तुत पाठ्यक्रम में आप हिंदी उपन्यास-1 (प्रेमचंद का विशेष अध्ययन) करेंगे। हो सकता है कि आपमें से कुछ विद्यार्थियों ने स्नातक स्तर पर प्रेमचंद और उनके उपन्यासों का अध्ययन किया होगा किंतु प्रेमचंद का विषेष अध्ययन आपके लिए अत्यंत रुचिकर और ज्ञानवर्द्धक होगा। आपने प्रेमचंद के उन चार उपन्यासों को अवश्य पढ़ा होगा जिन्हें हमने इस पाठ्यक्रम में शामिल किया है। ऐसा करने पर ही आप उपन्यास के सभी पक्षों पर विस्तार से विचार कर सकेंगे। प्रेमचंद के कथा संसार में मानवीय अनुभव की विविधता ठोस यथार्थ के धरातल पर अवस्थित है। इस अनुभव को प्रेमचंद ने वैचारिक संघर्ष और सामाजिक संदर्भों से अर्जित किया था। इसी का नतीजा है कि प्रेमचंद के साहित्य में सामान्य मनुष्य को पृष्ठभूमि में न रखकर केंद्र में रखा गया है तथा उसकी संवेदना, पीड़ा और संकट को साहित्य में उठाया गया है। जब आप उनके उपन्यासों का अध्ययन करेंगे तो पाएँगे कि उनके साहित्य में ऐसे पात्र भी हैं जो रूढ़ि जर्जर संस्कारों से संघर्ष ही नहीं करते अपितु उन औपनिवेशिक शक्तियों के खिलाफ भी खड़े होते हैं, जो उनका शोषण कर रहे हैं। प्रेमचंद जिस समय लिख रहे थे, वह समय भारतीय समाज में पूँजीवाद का प्रारंभिक दौर था। पूँजीवाद ने उन संपूर्ण रिश्तों को खोखला बना दिया था, जिन पर हमारी सामाजिक संरचना टिकी हुई थी। प्रेमचंद का महत्व इस बात में भी है कि वे जीवनानुभव के संदर्भ में पूँजीवाद के अमानवीय पहलू को उभारते हुए, सामाजिक मान्यताओं के अंधविश्वासों और कुरीतियों की आलोचना करते हैं। आज के दौर में, जब सामाजिक विषमता में बढ़ोत्तरी हुई है, प्रेमचंद का मूल्य और अधिक बढ़ जाता है। प्रस्तुत पाठ्यक्रम में मुंशी प्रेमचंद के निम्नलिखित उपन्यासों को विस्तृत अध्ययन के लिए शामिल किया गया है-सेवासदन, प्रेमाश्रय, रंगभूमि और गबन।
Summary
Course Status : Completed
Course Type : Core
Language for course content : Hindi
Duration : 16 weeks
Category :
  • Humanities and Social Sciences
Credit Points : 4
Level : Postgraduate
Start Date : 30 Jan 2023
End Date :
Enrollment Ends : 15 Mar 2023
Exam Date :

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Course layout

MHD-14 हिन्दी उपन्यास-१ (प्रेमचंद का विशेष अध्ययन)

सप्ताह

ई-सामग्री (पीडीएफ/ई-बुक्स)

सप्ताह–1

इकाई-1: प्रेमचंद का व्यक्तित्व एवं जीवन दृष्टि

सप्ताह–2

इकाई-2: प्रेमचंद का साहित्य

इकाई-3: प्रेमचंद की साहित्यिक मान्यताएँ

सप्ताह–3

इकाई-4: प्रेमचंद के उपन्यास और हिंदी आलोचना

सप्ताह–4

इकाई-5: सेवासदन: अंतर्वस्तु का विष्लेषण

सप्ताह–5

इकाई-6: सेवासदन: शिल्प संरचना (औपन्यासिक शिल्प)

सप्ताह–6

इकाई-7: ‘सेवासदन’ की नायिका (सुमन)

सप्ताह–7

इकाई-8: ‘प्रेमाश्रम’ और कृषि समस्या

सप्ताह–8

इकाई-9: ‘प्रेमाश्रम’ युगीन भारतीय समाज और प्रेमचंद का आदर्शवाद

सप्ताह–9

इकाई-10: ‘प्रेमाश्रम’ का औपन्यासिक शिल्प


इकाई-11: ज्ञानशंकर का चरित्र

सप्ताह–10

इकाई-12: ‘रंगभूमि’ और औद्योगीकरण की समस्या

सप्ताह–11

इकाई-13: ‘रंगभूमि’ पर स्वाधीनता आंदोलन और गांधीवाद का प्रभाव

सप्ताह–12

इकाई-13: ‘रंगभूमि’ पर स्वाधीनता आंदोलन और गांधीवाद का प्रभाव

इकाई-14: ‘रंगभूमि’ का औपन्यासिक शिल्प

सप्ताह–13

इकाई-15: सूरदास का चरित्र

सप्ताह–14

इकाई-16: ‘गबन’ और राष्ट्रीय आंदोलन

सप्ताह–15

इकाई-17: ‘गबन’ और मध्यवर्गीय समाज

सप्ताह–16

इकाई-18: ‘गबन’ का औपन्यासिक शिल्प

Books and references

1. प्रेमचंद: विवेचना (आलोचनात्मक लेखों का संग्रह);

2. प्रेमचंद, रामविलास शर्मा, राधाकृष्ण प्रकाशन, दिल्ली, सं. 1994;

3. प्रेमचंद और उनका युग, रामविलास शर्मा, राजकमल प्रकाशन, दिल्ली, सं. 1967;

4. प्रेमचंद कलम का सिपाही, अमृतराय, हंस प्रकाशन, इलाहाबाद, सं. 1962;

5. प्रेमचंद: साहित्यिक विवेचन, नंददुलारे वाजपेयी, 1956.

Instructor bio

प्रो. नरेंद्र मिश्र

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
प्रो. नरेंद्र मिश्र विगत 29 वर्षों से हिन्दी भाषा और साहित्य के अध्यापन और अनुसंधान से जुड़े हुये हैं। आधुनिक हिन्दी साहित्य और आलोचना आपकी विशेषज्ञता के क्षेत्र हैं। पूर्व में आप जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। भारतीय हिन्दी परिषद, प्रयागराज की महत्वपूर्ण पत्रिका ‘हिन्दी अनुशीलन’ का सन् 2015 से निरंतर सम्पादन कर रहे हैं। अब तक आपकी 12 पुस्तकें और 56 शोध-पत्र विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। आपको हिन्दी भाषा और साहित्य की सेवा के लिए विभिन्न सम्मान और पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं। आप यू.जी.सी. की 3 शोध परियोजनाओं का संचालन कर चुके हैं एवं 5 अंतरराष्ट्रीय तथा 5 राष्ट्रीय संगोष्ठियों का संयोजन भी कर चुके हैं। 90 से अधिक अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय संगोष्ठियों में आप विषय विशेषज्ञ के रूप में अपना वक्तव्य दे चुके हैं। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन पर आपके अनेक कार्यक्रम प्रसारित हो चुके हैं।

प्रो. नरेंद्र मिश्र

प्रोफेसर, हिंदी संकाय

मानविकी विद्यापीठ, इग्नू


Course certificate

एम. ए. हिंदी


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