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इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय के मूल सिध्दांत एवं संरचनात्मक अनुप्रयोग

By प्रो. विकास कुमार   |   चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, भिवानी
Learners enrolled: 813
इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को ई- व्यवसाय के मूलभूत सिद्धांत, ई- व्यवसाय की संरचना से जुड़ी तकनीकों, नवीनतम और भविष्य के विकास एवं कानूनी तथा नैतिक मुद्दों से संबंधित तकनीकी एवं गैर तकनीकी पहलुओं से अवगत कराना एवं इनके अनुप्रयोगों से एक इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय को चलाने में सक्षमता प्रदान करना है । पाठ्यक्रम दोनों सैद्धांतिक और व्यावहारिक पहलुओं को प्रस्तुत किया जाएगा एवं उदाहरणों द्वारा विद्यार्थियों को समझाया जाएगा । प्राथमिक तौर पर कार्यक्रम का पूरा ध्यान इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफार्मों द्वारा व्यावहारिक काम करने के लिए छात्रों को उजागर करने पर होगा ।
पाठ्यक्रम के पूरा होने पर छात्र :
 (1) एक इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय को शुरू कर पाएंगे
 (2) एक प्रभावी ई-व्यापार रणनीति का विकास कर पाएंगे
 (3) एक प्रभावी ई-बिजनेस वेबसाइट की रचना कर पाएंगे
 (4) ई-व्यवसाय से जुड़े सामाजिक, कानूनी और नैतिक मुद्दों को प्रस्तुत कर सकेंगे
 (5) एक ऑनलाइन मार्केटिंग अभियान की संरचना एवं कार्यान्वयन कर सकेंगे
 (6) ई-व्यवसाय के लिए ग्राहक संबंध और आपूर्ति श्रृंखला समाधान की संरचना कर पाएंगे
 (7) ऑनलाइन पोर्टल का विश्लेषण करने के लिए वेब एनालिटिक्स का उपयोग कर सकेंगे
 (8) विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय पोर्टलों का तुलनात्मक अध्ययन कर सकेंगे
Summary
Course Status : Upcoming
Course Type : Core
Language for course content : Hindi
Duration : Self Paced
Category :
  • Multidisciplinary
Level : Certificate

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Course layout

सप्ताह

विषयवस्तु

सप्ताह 1

परिचय एंव विकास

सप्ताह 2

आधार भूत संरचना

सप्ताह 3

आर्थिक पहलू

सप्ताह 4

तकनीकी विकास

सप्ताह 5

वेबसाइट विकास

सप्ताह 6

ई-अधिप्राप्ति

सप्ताह 7

ऑनलाइन विपणन

सप्ताह 8

ग्राहकसंबंध एंव आपूर्ति श्रृंख्ला प्रबंधन

सप्ताह 9

न्यायिक, सामाजिक एंव नैतिकपहलू

सप्ताह 10

संगठन एंव रणनीतियाँ

सप्ताह 11

वेब विशलेषण और भविष्य के निर्देश

सप्ताह 12

व्यष्टि अध्ययन

 


Books and references

1. Chaffey, D., Edmundson-Bird, D., & Hemphill, T. (2019). Digital business and e-commerce management. Pearson UK.
2. Qin, Z., & Qin, Z. (2009). Introduction to E-commerce (Vol. 2009). New York, NY: Springer.
3. Ruikar, K., & Anumba, C. J. (2008). Fundamentals of e-Business. e-Business in Construction, Blackwell Publishing Ltd, Oxford, UK, 6-21.
4. Kumar, V., & Ayodeji. (2021). Determinants of the Success of Online Retail in India. International Journal of Business Information Systems (IJBIS), 37(2), 246-262
5.Kumar, V., & Ayodeji, O.G. (2021). E-retail Factors for Customer Activation and Retention: An Empirical Study from Indian e-Commerce Customers. Journal of Retailing and Consumer Services,59C,102399
6. Kumar, V., Ayodeji, O.G, and Kumar, S. (2020). Online Retail in India: A Comparative Analysis of top Business Players Int. J. Indian Culture and Business Management, 20(3), 359-384
7. Ayodeji, O.G. and Kumar, V. (2020). Web Analytics and Online Retail: Ethical Perspective, Techniques and Practices, International Journal of Technoethics(IJT), 11(2),18-33
8. Mittal, S. & Kumar, V.(2020). A Framework for Ethical Mobile Marketing, International Journal of Technoethics (IJT), 11(1), 28-42
9. Kumar, V., & Saurabh (2020). Mobile Marketing Campaigns: Practices, Challenges and Opportunities. International Journal of Business Innovation and Research (IJBIR), 21(4), 523-539
10. Kumar, V., & Ayodeji, O.G. (2020). Web Analytics for Knowledge Creation: A Systematic Review of Tools, Techniques and Practices, International Journal of Cyber Behavior, Psychology and Learning (IJCBPL), 10(1), 1-14
11. Kumar, V., & Nanda, P. (2019). Social Media in Higher Education: A Framework for Continuous Engagement. International Journal of Information and Communication Technology Education (IJICTE), 15(1), 109-120.
12. Saurabh and Kumar, V. (2017), Technology Integration for the Success of B2C M-Commerce in India: Opportunities and Challenges”, IUP Journal of Information Technology, (1), 24-35

Instructor bio

प्रो. विकास कुमार

चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय, भिवानी
प्रो. विकास कुमार ने इलेक्ट्रॉनिक विषय में अपनी स्नातकोत्तर उपाधि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से संपन्न की। इसके बाद इसी विश्वविद्यालय से उन्होंने संगणक विज्ञान में स्नातकोत्तर उपाधि ग्रहण की एवं डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी की उपाधि भी ग्रहण की । इन्होंने अपना शोध कार्य सीरी पिलानी मैं किया एवं इसरो द्वारा प्रायोजित कई सारी परियोजनाओं में भाग लिया । डॉ कुमार कई विशिष्ट संस्थाओं से जुड़े हैं एवं भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ,कंप्यूटर सोसायटी ऑफ इंडिया, आई आई टी ई, आई सी ई आई ई, वेदा, आई वी एस तथा मैग्नेटिक सोसाइटी ऑफ इंडिया के आजीवन सदस्य हैं ।

कंपनियों के मानव संसाधन विकास में योगदान करते हुए डॉक्टर विकास कुमार ने कई प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाए एवं विभिन्न कंपनियों के कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया । भारत सरकार के कई विभागों के लिए भी इन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया । 11 पुस्तकों के साथ इन्होंने 100 से अधिक शोध पत्र विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पत्रिका पत्रिकाओं एवं सम्मेलनों में प्रकाशित किए । इनमें से 55 शोध पत्र स्कोपस द्वारा अनुक्रमणिक पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं । जून 2007 से जून 2009 के बीच यह एशिया पेसिफिक बिजनेस रिव्यू अंतर्राष्ट्रीय जर्नल के संपादक रहे । इसके साथ ही डॉ कुमार विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं के समीक्षक के रूप में जुड़े हुए हैं । देश विदेश के अनेक विश्वविद्यालयों के स्नातक,स्नातकोत्तर एवं डॉक्टोरल कार्यक्रमों के शैक्षिक मामलों एवं परीक्षाओं से से जुड़े हुए हैं एवं विभिन्न प्रकार से अपना योगदान देते रहे हैं । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न शैक्षिक परियोजनाओं के तहत, यह स्वीडन, फ्रांस,हंगरी, ऑस्ट्रिया, नीदरलैंड फिनलैंड, जर्मनी, चीन, जापान, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, अल्जीरिया, युगांडा, अमेरिका, इथोपिया, स्लोवेनिया, यूएई तथा जॉर्डन की यात्रा कर चुके हैं । वर्तमान में यह चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय के प्रबंधन विभाग में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं एवं भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर तथा यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्दन आयोवा में विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं । इसके साथ ही डॉक्टर विकास कुमार सोसायटी फॉर एजुकेशन एंड रिसर्च डेवलपमेंट के अध्यक्ष भी हैं। विशेष रूप से उनके रुचि के विषयों में इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य, बिजनेस इंटेलिजेंस, व्यवसाय विश्लेषण, वेब विश्लेषण एवं सामाजिक विपणन इत्यादि प्रमुख हैं ।


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