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MHD-15 हिंदी उपन्यास-2

By डॉ. रीता सिन्हा   |   इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
Learners enrolled: 276
एम.ए. हिंदी के विद्यार्थियों के लिए ‘MHD-15: हिन्दी उपन्यास-2’ का यह पाठ्यक्रम प्रस्तुत है। यह 4 क्रेडिट का पाठ्यक्रम है। एम. ए. हिन्दी के अन्य पाठ्यक्रमों में आप ने विभिन्न रचनाकारों और उनकी कृतियों यानी सृजनात्मक साहित्य का अध्ययन किया है। प्रस्तुत पाठ्यक्रम में आप चार उपन्यासों- ‘झूठा सच’, ‘ जिन्दगीनामा’, ‘सूरज का सातवां घोड़ा’ और ‘राग दरबारी’ संबंधी विभिन्न विषयों का अध्ययन करेंगे। उपन्यास यथार्थ से संबंधित है और यह जीवन के विभिन्न पहलुओं के साथ मानव-मनोविज्ञान, समाज एवं राष्ट्र की युगीन वैचारिकी और मानव-चरित्र का भी विश्लेषण करता है। उपर्युक्त उपन्यासों के द्वारा आप विभाजन की त्रासदी के समय भारत की सामाजिक और राजनीतिक स्थितियों से परिचित होंगे, पंजाबी समाज और संस्कृति को समझ पाएँगे, मध्य वर्ग की सामाजिक विडंबनाओं से अवगत होंगे और भारतीय समाज, राजनीति, संस्कृति, परंपरा, रूढ़ियों आदि को भी समझ सकेंगे। उपन्यास यथार्थ को सामने रखता है, मनुष्य को अपने चरित्र का आईना दिखाता है और कई समाजशास्त्रीय प्रश्नों के द्वारा मनुष्य को चैतन्य करता है जिससे उपन्यास के अध्ययन का विशेष महत्त्व है। हमें विश्वास है कि उपन्यास संबंधी यह पाठ्यक्रम मनुष्य, जीवन, समाज, संस्कृति, मनोविज्ञान, राजनीति आदि को समझने में आपके लिए अवश्य सहायक सिद्ध होगा।
Summary
Course Status : Completed
Course Type : Core
Language for course content : Hindi
Duration : 16 weeks
Category :
  • Humanities and Social Sciences
Credit Points : 4
Level : Postgraduate
Start Date : 15 Jul 2024
End Date : 30 Nov 2024
Enrollment Ends : 31 Aug 2024
Exam Date : 15 Dec 2024 IST
Exam Shift :

Shift-II

Note: This exam date is subject to change based on seat availability. You can check final exam date on your hall ticket.


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Course layout

MHD-15: हिन्दी उपन्यास - 2

सप्ताह

ई-सामग्री (पीडीएफ/ई-बुक्स)

सप्ताह–1

इकाई-1: यशपाल का उपन्यास साहित्य और ‘झूठा सच’

सप्ताह–2

इकाई-2: देश का विभाजन और ‘झूठा सच’

सप्ताह–3

इकाई-3: देश का भविष्य और ‘झूठा सच’

सप्ताह–4

इकाई-4: औपन्यासिक महाकाव्य के रूप में ‘झूठा सच’

सप्ताह–5

इकाई-5: कृष्णा सोबती का कथा साहित्य और ‘ज़िन्दगीनामा’

सप्ताह–6

इकाई-6: ‘ज़िन्दगीनामा’: उपन्यास की अंतर्वस्तु और कथाशिल्प

सप्ताह–7

इकाई-7: ‘ज़िन्दगीनामा’: प्रमुख पात्र एवं चरित्र चित्रण

सप्ताह–8

इकाई-8: (‘ज़िन्दगीनामा’) परिवेश और भाषा

सप्ताह–9

इकाई-9: धर्मवीर भारती का कथा साहित्य और ‘सूरज का सातवां घोड़ा’

सप्ताह–10

इकाई-10: औपन्यासिक शिल्पः ‘सूरज का सातवां घोड़ा’

सप्ताह–11

इकाई-11: ‘सूरज का सातवां घोड़ा’: चरित्र सृष्टि

सप्ताह–12

इकाई-12: (‘सूरज का सातवां घोड़ा’) : धर्मवीर भारती की लेखकीय दृष्टि

सप्ताह–13

इकाई-13: स्वातंत्र्योत्तर भारत और ‘रागदरबारी’

सप्ताह–14

इकाई-14: ‘रागदरबारी’ में व्यंग्य

सप्ताह–15

इकाई-15: ‘रागदरबारी’ की अंतर्वस्तु, संरचना शिल्प और उसकी भाषा

सप्ताह–16

इकाई-16: ‘रागदरबारी’ के पात्र

Books and references

1. क्रांतिकारी यशपालः एक समर्पित व्यक्ति, संपादक-मघुरेश, लोकभारती प्रकाशन;

2. कथा प्रसंगः यथा प्रसंगः निर्मला जैन;

3. उपन्यास का शिल्प लेखक- गोपाल राय;

4. सृजनशीलता का संकटः लेखक- नित्यानन्द तिवारी, राधाकृष्ण प्रकाशन,नयी दिल्ली।

Instructor bio

डॉ. रीता सिन्हा

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
मानविकी विद्यापीठ, इग्नू में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ. रीता सिन्हा दिल्ली विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों जैसे मिरांडा हाउस, कमला नेहरू कॉलेज और श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज में आठ वर्षों से अधिक समय तक प्राध्यापनरत रही हैं। इन्होंने वर्द्धमान विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल के स्नातकोत्तर विभाग में लगभग पाँच वर्षों तक प्राध्यापन किया है। डॉ. रीता सिन्हा आलोचक, कहानीकार और कवयित्री हैं। 1988 से लेखन कार्य में संलग्न डॉ. रीता सिन्हा की अब तक पाँच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनके नाम ‘डेस्कटॉप’, ‘इनबॉक्स के अधूरे पन्ने’, ‘पुनर्सृजनः अंतर्दृष्टि और यथार्थबोध’, ‘समकालीन कथा साहित्य का सौंदर्यशास्त्र’ औऱ ‘ठहर गया बसंत’ है। इनकी 150 से अधिक पुस्तकों की समीक्षा विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं, 50 से अधिक आलोचनात्मक लेख विभिन्न पत्रिकाओं जैसे गगनांचल, भाषा, आजकल, समकालीन भारतीय साहित्य, विश्व भारती पत्रिका, मुक्तांचल, पूर्वग्रह, जनपथ, आगमन, बनास जन, नई धारा, सहयोग, एकेडमॉस आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। इनके 10 से अधिक अध्याय विभिन्न संपादित पुस्तकों में प्रकाशित हैं। इसके अतिरिक्त इनकी कहानियाँ भी पाखी, वागर्थ, कथादेश, नई धारा, जनसत्ता के वार्षिक विशेषांक आदि में प्रकाशित हुई हैं। इनके कई संस्मरण भी प्रकाशित हैं। डॉ. रीता सिन्हा आकाशवाणी और दूरदर्शन से भी जुड़ी रही हैं। इनको नई धारा रचना सम्मान और अंतर्राष्ट्रीय जैपी एवार्डे से सम्मानित किया जा चुका है।

डॉ. रीता सिन्हा

एसोसिएट प्रोफेसर, हिंदी संकाय

मानविकी विद्यापीठ, इग्नू


Course certificate

एम.ए. हिंदी


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