सरल संस्कृत बोधस्य द्वितीये पाठ्यक्रमे भवताम् अभिनन्दनम् । अस्मिन् पाठ्यक्रमे शब्दरूपचरिचय , लकार, काल, धतुरूप , उपसर्ग, प्रत्यय , अव्यय, समयबोध , दिशाबोध , प्रश्नवाचकशब्दा: , सुभाषितानि , नीतिवचनानि , संस्कृतकथा:, संस्कृतगीतानि , हास्यकणिकानां वर्णनम् अस्ति।
इस द्वितीय पाठ्यक्रम में आप सभी का अभिनन्दन है। इसमें शब्दरूपचरिचय , लकार, काल, धतुरूप , उपसर्ग, प्रत्यय , अव्यय, समयबोध , दिशाबोध , प्रश्नवाचकशब्द , सुभाषित , नीतिवचन , संस्कृतकथा, संस्कृतगीत , हास्यकणिका वर्णन है।
लघुसिद्धान्तकौमुदी (आचार्यवरदराज),
प्रौढरचनानुवादकौमुदी (आचार्यकपिलदेवद्विवेदी)
रूपचन्द्रिका (डॉ॰ब्रह्मानन्दत्रिपाठी)
संस्कृतस्वाध्यायः(प्रथमादीक्षा),संस्कृतस्वाध्यायः (द्वितीयादीक्षा)
प्रकाशक:- केन्द्रीयसंस्कृतविश्वविद्यालय, नवदेहली
व्यावहारिकसंस्कृतप्रशिक्षक(प्रकाशकः- उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थानम्, लखनऊ
सुगमशब्दरूपावली(प्रकाशकः- सार्वभौम संस्कृत प्रचार संस्थानम्, वाराणसी
संस्कृतवाक्यसाहस्री (प्रकाशिका - संस्कृतभारती, नवदेहली
डॉ. आशीष कुमार संस्कृत पत्रकारिता के क्षेत्र में एक सुप्रसिद्ध नाम है। वे डीडी न्यूज़ चैनल में एक प्रसिद्ध संस्कृत समाचार प्रवाचक, सम्पादक और वार्ताहर हैं। वे संस्कृत नाटकों के सृजनात्मक लेखक हैं। उन्हें दिल्ली संस्कृत अकादमी, दिल्ली सरकार द्वारा "फेसबुकस्य अनारकली" नामक नाटक के लिए अखिल भारतीय संस्कृत लघु नाटक लेखन प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ है। उनके द्वारा लिखे नाटकों का मञ्चन अनेक अवसरों पर किया जाता है।
वर्तमान में डॉ. आशीष कुमार इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू), नई दिल्ली में संस्कृत के असिस्टेण्ट प्रोफेसर हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज महाविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने यूजीसी-नेट/जेआरएफ (JRF) के साथ दिल्ली विश्वविद्यालय के ही संस्कृत विभाग से मीमांसा दर्शन में विद्यावारिधि (Ph. D) की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के राजधानी महाविद्यालय, संस्कृत विभाग में 9 वर्षों से भी अधिक समय तक अध्यापन कार्य किया। उनके अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में 22 शोध पत्र और पुस्तकों में 5 अध्याय प्रकाशित हैं तथा वे 4 पुस्तकों के प्रमुख सम्पादक भी हैं। डॉ. कुमार ने देश और विदेशों में अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों में विभिन्न विषयों पर 14 शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं। वे ज्योतिष, संस्कृत और हिन्दी से सम्बन्धित अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय शोध-पत्रिकाओं के सह-सम्पादक हैं। उन्हें 23 अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों द्वारा विषय-विशेषज्ञ और वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया है। साथ ही उन्होंने 6 राष्ट्रीय कार्यशालाओं का भी आयोजन किया है। उन्होंने 42 अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय कार्यशालाओं में तथा 26 अन्तर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है।
डॉ. कुमार ने भारत देश सहित ऑस्ट्रेलिया, श्रीलंका और सिंगापुर आदि देशों में अनेक संस्कृत सम्भाषण शिविरों का आयोजन किया है। पाण्डुलिपियों का सम्पादन और प्रकाशन, संस्कृत पत्रकारिता हेतु पाठ्यक्रम-निर्माण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ संस्कृत का सम्बन्ध, सरल मानक संस्कृत का प्रचार-प्रसार, विधि और धर्मशास्त्र का अन्तःसम्बन्ध, संस्कृत और रूसी भाषा का अन्तःसम्बन्ध, बौद्ध धर्म और पूर्वमीमांसा दर्शन आदि विषयों पर शोधकार्य करना उनकी रुचि है।
छात्र-जीवन में उन्होंने महाविद्यालय और विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित होने वाली प्रतियोगिताओं जैसे संस्कृत श्लोक गायन, प्रश्नोत्तरी, भाषण, वाद-विवाद, श्लोकान्ताक्षरी, अक्षर-श्लोक, शलाका-परीक्षा, वेद-मन्त्रोच्चारण आदि में 100 से अधिक पुरस्कार प्राप्त किए हैं। दिल्ली संस्कृत अकादमी, दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें दो बार "संस्कृत समाराधक सम्मान" प्रदान किया गया है तथा श्री औरोबिन्दो सोसाइटी द्वारा "टीचर इनोवेशन अवार्ड" से भी सम्मानित किया गया है।
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