‘’औपचारिक भाषा और
स्वचालित सिद्धांत: कंपाइलर डिज़ाइन में एक अनुप्रयोग’’ एक व्यापक पाठ्यक्रम
है जो औपचारिक भाषाओं और स्वचालित सिद्धांत के सैद्धांतिक नींवों का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें कंपाइलर डिज़ाइन में उनके व्यावहारिक अनुप्रयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह पाठ्यक्रम औपचारिक भाषाओं, व्याकरण और पार्सिंग तकनीकों की एक परिचयात्मक समझ से शुरू होता है।
इसके बाद,
यह स्वचालित सिद्धांत में गहराई से प्रवेश करता है, जिसमें सीमित स्वचालित, पुशडाउन स्वचालित, और ट्यूरिंग मशीनों
को शामिल किया गया है।
Course Status : | Upcoming |
Course Type : | Elective |
Language for course content : | Hindi |
Duration : | 12 weeks |
Category : |
|
Credit Points : | 4 |
Level : | Diploma |
Start Date : | 01 Jan 2025 |
End Date : | 30 Apr 2025 |
Enrollment Ends : | 28 Feb 2025 |
Exam Date : | 18 May 2025 IST |
Exam Shift : | Shift- I |
Note: This exam date is subject to change based on seat availability. You can check final exam date on your hall ticket.
Week |
Title |
1. |
सीमित या नियंत्रित ऑटोमेटा का परिचय (Introduction to Finite Automata) |
आर्डेन
की
विधि: एनडीएफए
को
डीएफए
में
परिवर्तित
करना
(Arden’s Method: Converting
NDFA to DFA) |
|
नियमित
अभिव्यक्तियां
और
उनके गुण (Regular Expressions and Their Properties) |
|
पंपिंग
लेमा
विवेचित (Pumping Lemma Unraveled) |
|
2 |
सीमित
ऑटोमेटा
के
साथ
शब्दावली
विश्लेषण (Lexical
Analysis with Finite Automata) |
वाक्य
विश्लेषण
में
संदर्भ
मुक्त
व्याकरण (Context-Free Grammars in
Syntax Analysis) |
|
चोम्स्की
सामान्य
रूप
में
परिवर्तन (Converting to Chomsky Normal
Form) |
|
3 |
ग्रीबाच सामान्य रूप (जीएनएफ) का परिचय (Introduction to Greibach Normal Form (GNF) |
पुश डाउन ऑटोमेटा का परिचय (Introduction to Push Down Automata) |
|
ट्यूरिंग मशीनों को समझना (Understanding Turing
Machines) |
|
ऑपरेटर प्राथमिकता का पार्सिंग समझना (Operator Precedence Parsing Demystified) |
|
4 |
वाक्य निर्देशित अनुवाद तकनीके (Syntax-Directed
Translation Techniques) |
इंटरमीडिएट कोड उत्पन्न की आवश्यकताएँ (Intermediate Code
Generation Essentials) |
|
रनटाइम वातावरण और भंडारण संगठन (Runtime Environment and Storage Organization) |
|
मौलिक खंड और प्रवाह ग्राहकों का अनुकूलन (Basic Blocks and Flow
Graphs Optimization) |
|
5 |
कोड उत्पन्न के सिद्धांत (Principles of Code
Generation) |
कंपाइलर लेखन साधनों की समीक्षा (Compiler Writing Tools Overview) |
|
निर्भरता ग्राफ : वाक्य-निर्देशित अनुवाद का एक महत्वपूर्ण साधन (Dependency Graphs: A Key
to Syntax-Directed Translation) |
|
वाक्य-निर्देशित अनुवाद में पोस्टफिक्स नोटेशन (Notation in Syntax-Directed Translation) |
|
6 |
सक्रियता रिकॉर्ड : रनटाइम वातावरण का प्रबंधन (Activation Records:
Managing Runtime Environments) |
कंपाइलर डिजाइन में लूप्स को अनुकूलित करना (Optimizing Loops in Compiler Design) |
|
प्रभावी प्रतीक सारणी प्रबंधन (Effective Symbol Table
Management) |
|
7 |
गतिशील भंडारण आवंटन : रणनीतियाँ और विचार (Dynamic Storage Allocation: Strategies and Considerations) |
कोड अनुकूलन में वैश्विक डाटा प्रवाह विश्लेषण (Global Data Flow Analysis in Code Optimization) |
|
मूलभूतों का प्रकटीकरण: नीचे
से ऊपर पार्सिंग आवश्यकताएँ
(Unveiling
the Basics: Bottom-Up Parsing Essentials) |
|
8 |
एसएलआर डिकोडेड
: भाषा पहचान को सरल बनाना (SLR Decoded: Simplifying Language Recognition) |
सीएलआर अवधारणा
: साधारण एलआर (1)पार्सस बनाना (CLR Revealed: Crafting Canonical LR(1) Parsers) |
|
प्रभावी पार्सिंग : एलएएलआर पार्सिंग को अधिग्रहण करना (Efficient Parsing:
Mastering LALR Parsing) |
|
9 |
ऊपर से नीचे पार्सिंग
: रणनीतियाँ और तकनीकें (Top-Down Parsing: Strategies and Techniques) |
यैक :
एक शक्तिशाली पार्सर जनरेटर (YACC: A Powerful Parser Generator) |
|
पार्सिंग में प्रभावी त्रुटि निवारण (Effective Error Recovery
in Parsing) |
|
10 |
नीचे से ऊपर पार्सिंग : सिद्धांत और कार्यान्वयन (Bottom-Up Parsing:
Concepts and Implementation) |
एलएएलआर पार्सिंग तालिकाओं का निर्माण (Constructing LALR Parsing Tables) |
|
नियंत्रण प्रवाह वाक्यों का अनुवाद (Translation of Control Flow Statements) |
|
इंटरमीडिएट कोड में बुलियन अभिव्यक्तियों का अनुवाद (Translating Boolean Expressions in Intermediate Code) |
|
11 |
लेक्स का उपयोग करके शब्दावली विश्लेषण : एक
व्यवहारिक मार्गदर्शिका (Lexical Analysis Using
LEX: A Practical Guide) |
यैक : शक्तिशाली पार्सस बनाना (YACC: Building Powerful
Parsers) |
|
12 |
कंपाइलर डिजाइन के लिए लेक्स और यैक का एकीकरण (Integrating Lex and YACC for
Compiler Design) |
यैक के साथ अमूर्त वाक्य संरचना वृक्ष (Abstract Syntax Trees with YACC) |
|
लेक्स और यैक का उपयोग करके कोड उत्पन्नन तकनीके (Code Generation Techniques
using Lex and YACC) |
1."Introduction to Automata
Theory, Languages, and Computation" by John E. Hopcroft, Rajeev Motwani, Jeffrey D. Ullman.
2."Introduction to the
Theory of Computation" by Michael Sipser, Cengage Learning, 2012.
3."Theory of
Computation" by Dexter C. Kozen, Springer, 2006.
4."Compilers: Principles,
Techniques, and Tools" by Alfred V. Aho, Monica S. Lam, Ravi Sethi,
Jeffrey D. Ullman, Pearson, 2006.
5."Engineering a
Compiler" by Keith D. Cooper, Linda Torczon, Morgan Kaufmann, 2011.
6."Modern Compiler
Implementation in C" by Andrew W. Appel, Maia Ginsburg, Cambridge
University Press, 1997.
डॉ. तोरन वर्मा, UTD CSVTU भिलाई में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं, और अपने पद पर व्यापक ज्ञान और अनुभव लाते हैं।
18 वर्षों से अधिक शिक्षण अनुभव के साथ, उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में
महत्वपूर्ण योगदान दिया है। डॉ. वर्मा एक प्रचुर शोधकर्ता हैं, जिन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और सम्मेलनों में 100 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। उनकी विविध अनुसंधान रुचियों में गणना का
सिद्धांत, मशीन लर्निंग, फजी लॉजिक, और इमेज प्रोसेसिंग शामिल हैं, जो कंप्यूटर विज्ञान और
प्रौद्योगिकी की सीमाओं को आगे बढ़ाने के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
श्री रामकांत गंजेश्वर, CSVTU,
भिलाई से भाषा प्रोसेसिंग
और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में
पीएचडी कर रहे हैं। उन्होंने BIT,
दुर्ग से एम. टेक और रुंगटा कॉलेज ऑफ
इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, भिलाई से स्नातक की डिग्री प्राप्त की है। उनकी अनेक रुचियों में इमेज और वीडियो
प्रोसेसिंग, उन्नत मशीन लर्निंग,
IoT और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी
शामिल हैं। वर्तमान में, वह CSVTU, भिलाई के
कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
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