सप्ताह |
विषय सूची |
सप्ताह 1 |
पारिस्थितिकी और पर्यावरण की अवधारणा , पारिस्थितिकी तंत्र, पारिस्थितिकी तंत्र के प्रकार |
सप्ताह 2 |
प्राकृतिक संसाधनों की मूल बातें, प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, संसाधन संरक्षण |
सप्ताह 3 |
पर्यावरण पर मनुष्य का प्रभाव, वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दे और चिंताएं |
सप्ताह 4 |
वायु प्रदूषण की मूल बातें, वायु प्रदूषण के प्रभाव, वायु गुणवत्ता मानक और वायु गुणवत्ता निगरानी |
सप्ताह 5 |
वायु प्रदूषण नियंत्रण और इसके उपकरण, ध्वनि प्रदूषण और इसकी मूल बातें |
सप्ताह 6 |
ध्वनि स्तर की निगरानी तकनीकें, ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण, जल प्रदूषण का परिचय |
सप्ताह 7 |
जल उपचार प्रक्रियाएं, मिट्टी प्रदूषण |
सप्ताह 8 |
ठोस अपशिष्ट की मूल बातें, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू) |
सप्ताह 9 |
पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण, पर्यावरण लेखा परीक्षा के संबंध में नियम, विनियम, कानून आदि |
सप्ताह 10 |
पर्यावरण सुरक्षा के बारे में परिचय, कार्य सुरक्षा और स्वास्थ्य की अवधारणा, खतरों को नियंत्रित करने के उपाय |
सप्ताह 11 |
सामान्य कार्य वातावरण, सुरक्षा संकेतों का महत्व और उनका उपयोग, सुरक्षा और स्वास्थ्य के मानक |
सप्ताह 12 |
जलवायु परिवर्तन का परिचय, जलवायु परिवर्तन शमन, जलवायु परिवर्तन का प्रभाव |
डॉ. स्मिता रानी भारदिया ने गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर से, पीएचडी किया , जिसका शीर्षक था "Strategic applications of some tailor made carbon based functional nanomaterials for electrochemical applications" हैं। वर्ष 2017 से 2019 तक CSIR-JRF के रूप में और फिर 2019 से 2022 तक काम किया CSIR-SRF के रूप मे क्या किया और जनवरी 2023 में उन्हें पीएचडी की डिग्री प्राप्त हुई । इस अनुसंधान में उन्होंने कार्बन आधारित विशेष नैनोमैटेरियल्स के रणनीतिक अनुप्रयोगों पर ध्यान केंद्रित किया, जो इलेक्ट्रोकेमिकल अनुप्रयोगों के लिए अनुकूलित किए गए थे। वह 28 दिसंबर 2022 से अब तक UTD CSVTU भिलाई में लेक्चरर रसायन विज्ञान के रूप में कार्यरत हैं। स्मिता रानी भारदिया ने विभिन्न प्रकार के नैनो-मैटेरियल्स और हेटेरोजीनस नैनो-कैटालिस्ट के संश्लेषण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके पास अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय पत्रिकाओं में कई लेखों के साथ, विभिन्न सम्मेलनों में प्रस्तुतियाँ भी हैं। उनके अनुसंधान कार्य में ग्राफीन और ग्राफीन ऑक्साइड का संश्लेषण, स्पिनेल्स और मेटल ऑक्साइड्स का संश्लेषण, और विभिन्न पर्यावरणीय हानिकारक रसायनों के इलेक्ट्रोकैटलिटिक सेंसिंग तकनीक पर काम करना शामिल है।
Exam Registration URL: Announcements will be made when the registration form is open for registrations.
The online registration form has to be filled, and the certification exam fee needs to be paid.
CRITERIA TO GET A CERTIFICATE
30 Marks will be allocated for Internal Assessment (Final Quiz- Mandatory) which will be available at the end of the course and 70 Marks will be allocated for end term proctored examination.
A minimum of 40% passing marks (i.e. at-least 12 marks in Internal Assessment (Final Quiz- Mandatory) & 28 Marks in external proctored examination) will be required for being eligible for SWAYAM Certificate.
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