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MHD-02: आधुनिक हिन्दी काव्य

By प्रो. नरेंद्र मिश्र   |   इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
Learners enrolled: 163

पाठ्यक्रम परिचय

(एम.एच.डी.-02 : ‘आधुनिक हिंदी काव्य)

एम..(हिंदी) प्रथम वर्ष का यह पाठ्यक्रम ‘आधुनिक हिंदी काव्यके अध्ययन पर आधारित है । अध्ययन हेतु निर्धारित 8 क्रेडिट का यह पाठ्यक्रम भारतेन्दु युग से लेकर समकालीन कविता तक के महत्वपूर्ण तथा प्रतिनिधि कवियों पर केन्द्रित है । यह पाठ्यक्रम 80 वीडियो कार्यक्रमों तथा सहायक अध्ययन सामग्री में विभाजित किया गया है। इस पाठ्यक्रम में आप नवजागरण काव्य के अंतर्गत भारतेंदु हरिश्चंद्र और मैथिलीशरण गुप्त की कविता का अध्ययन करेंगी/करेंगे । छायावादी काव्य के अंतर्गत जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा की  कविताओं का अध्ययन निर्धारित है । छायावादोत्तर तथा प्रगतिशील काव्य के अंतर्गत आप रामधारी सिंह ‘दिनकर’, नागार्जुन, मुक्तिबोध और धूमिल से सम्बंधित अध्ययन करेंगी/करेंगे । नई कविता के प्रमुख कवियों-अज्ञेय, शमशेर बहादुर सिंह, रघुवीर सहाय और श्रीकांत वर्मा की निर्धारित कविताओं का अध्ययन भी इस पाठ्यक्रम में सम्मिलित है । इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से आप आधुनिक हिंदी कविता के विकास के चरणों तथा प्रमुख कवियों का ज्ञान प्राप्त करेंगी/करेंगे, साथ ही विभिन्न कालखण्डों की प्रमुख काव्य प्रवृत्तियों और काव्यगत विशेषताओं से भी परिचित होंगी/होंगे ।

Course Credit - 8
Summary
Course Status : Ongoing
Course Type : Core
Language for course content : Hindi
Duration : 16 weeks
Category :
  • Language
Credit Points : 8
Level : Postgraduate
Start Date : 01 Jan 2025
End Date : 30 Apr 2025
Enrollment Ends : 28 Feb 2025
Exam Date : 18 May 2025 IST
Exam Shift :

Shift- II

Note: This exam date is subject to change based on seat availability. You can check final exam date on your hall ticket.


Page Visits



Course layout

Week -1
(नवजागरण काव्य -1)
इकाई 1: भारतेंदु हरिश्चन्द्र का काव्य
Week -2 
(नवजागरण काव्य -2)
इकाई-2 : मैथिलीशरण गुप्त का काव्य
Week – 3 
(नवजागरण काव्य -3)
इकाई-3  भारतेंदु हरिश्चन्द्र और मैथिलीशरण गुप्त की काव्य-भाषा और शिल्प (खड़ी बोली के विकास के सन्दर्भ में)
Week – 4
(छायावादी काव्य -1)
इकाई-4 : जयशंकर प्रसाद के काव्य में राष्ट्रीय चेतना की विशिष्टता और आधुनिक भावबोध
इकाई-5 :. जयशंकर प्रसाद की भाषा और काव्य-शिल्प
Week -  5 
(छायावादी काव्य -2)
इकाई-6 : सूर्यकांत  त्रिपाठी 'निराला' के काव्य का वैचारिक आधार
इकाई-7 : सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' के काव्य में प्रयोगशीलता की दिशाएं
इकाई-8 : राम की शक्तिपूजा : एक पाठावलोकन
Week – 6 
(छायावादी काव्य -3)     
इकाई-9 : महादेवी वर्मा की काव्य संवेदना
इकाई-10 : महादेवी वर्मा की प्रतीक योजना
Week – 7 
(छायावादी काव्य -4)
इकाई-11 : सुमित्रानंदन पंत की काव्य-यात्रा के विविध चरण
इकाई-12 : सुमित्रानंदन पंत का काव्य-शिल्प : भाषा और शैली
Week – 8 
(छायावादोत्तर काव्य)
इकाई-13 : दिनकर के काव्य की अंतर्धाराएँ
Week – 9 
(प्रगतिशील काव्य-1)
इकाई-14 : नागार्जुन के काव्य में संवेदना के रूप
इकाई-15 : नागार्जुन काव्य का रचना-विधान
Week – 10
(प्रगतिशील काव्य-2)
इकाई-16 : मुक्तिबोध का जीवन दर्शन और काव्य दृष्टि
इकाई-17 : मुक्तिबोध का काव्य शिल्प: फैंटेसी के संदर्भ में
Week – 11 
(प्रगतिशील काव्य-३)
इकाई-18 : अंधेरे मे कविता का विश्लेषण
Week – 12 
(साठोत्तरी हिंदी कविता)
इकाई-19 : धूमिल
Week – 13 
(नयी कविता -1)
इकाई-20 :अज्ञेय के काव्य में आधुनिक भाव-बोध
इकाई-21 : अज्ञेय : काव्यभाषा और काव्यशिल्प
Week – 14 
(नयी कविता -2)
इकाई-22 : शमशेर काव्य की विचार-भूमि
इकाई-23 : शमशेर का काव्य : संवेदना और शिल्प
Week – 15 
(समकालीन कविता -1)
इकाई-24 : अपने समय के आर-पार देखता कवि : रघुवीर सहाय
इकाई-25 : रघुवीर सहाय का काव्य शिल्प
Week – 16 
(समकालीन कविता -2)
इकाई-26 : श्रीकांत वर्मा और उनकी कविता

Instructor bio


प्रो. नरेंद्र मिश्र इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली

प्रो. नरेंद्र मिश्र विगत 29 वर्षों से हिन्दी भाषा और साहित्य के अध्यापन और अनुसंधान से जुड़े हुये हैं। आधुनिक हिन्दी साहित्य और आलोचना आपकी विशेषज्ञता के क्षेत्र हैं। पूर्व में आप जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं। भारतीय हिन्दी परिषद, प्रयागराज की महत्वपूर्ण पत्रिका ‘हिन्दी अनुशीलन’ का सन् 2015 से निरंतर सम्पादन कर रहे हैं। अब तक आपकी 12 पुस्तकें और 56 शोध-पत्र विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। आपको हिन्दी भाषा और साहित्य की सेवा के लिए विभिन्न सम्मान और पुरस्कार भी प्राप्त हो चुके हैं। आप यू.जी.सी. की 3 शोध परियोजनाओं का संचालन कर चुके हैं एवं 5 अंतरराष्ट्रीय तथा 5 राष्ट्रीय संगोष्ठियों का संयोजन भी कर चुके हैं। 90 से अधिक अंतरराष्ट्रीय तथा राष्ट्रीय संगोष्ठियों में आप विषय विशेषज्ञ के रूप में अपना वक्तव्य दे चुके हैं। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन पर आपके अनेक कार्यक्रम प्रसारित हो चुके हैं।



Course certificate

M.A.Hindi


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