एम.ए. (हिंदी) प्रथम वर्ष का प्रस्तुत पाठ्यक्रम ‘हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास’ पर आधारित है। यह पाठ्यक्रम 8 क्रेडिट का है। पाठ्यक्रम हिंदी भाषा और साहित्य के इतिहास तथा विकास पर केन्द्रित है। यह पाठ्यक्रम 80 वीडियो कार्यक्रमों तथा सहायक अध्ययन सामग्री में विभाजित किया गया है। पाठ्यक्रम में हिंदी साहित्य के आदिकाल से लेकर आधुनिक काल की प्रमुख प्रवृत्तियों, रचनाओं, साहित्यकारों तथा उनके साहित्य की विशेषताओं का अध्ययन कराया गया है। इस पाठ्यक्रम में आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक की इस पूरी यात्रा में आप युग चेतना के नैतिक, सामाजिक एवं साहित्यिक मूल्यों के बदलाव की तथा प्रवर्तक कवियों एवं काव्यधाराओं से तो परिचित होंगे ही, साथ ही भाषा के इतिहास तथा उसके क्रमिक साहित्यिक विकास का भी अध्ययन करेंगे जिसमें पालि, प्राकृत, अपभ्रंश से लेकर खड़ी बोली साहित्यिक हिंदी तक की विकास यात्रा समाहित है।
Week -1 |
इकाई 1: काल विभाजन और नामकरण |
इकाई 2 : आदिकाल की पृष्ठभूमि |
Week -2 |
इकाई 3 : नाथ, सिद्ध और जैन साहित्य |
इकाई 4 : रासो काव्य एवं लौकिक साहित्य |
Week – 3 |
इकाई 5 : भक्तिकाल की पृष्ठभूमि |
इकाई 6 : निर्गुण ज्ञानमार्गी संत
काव्यधारा |
Week – 4 |
इकाई 7 :निर्गुण प्रेममार्गी सूफ़ी
काव्यधारा |
इकाई 8 : कृष्ण भक्ति काव्य |
Week – 5 |
इकाई 9 : रामभक्ति काव्य |
Week – 6
|
इकाई 10 : रीतिकालीन कविता की
पृष्ठभूमि और आधार |
इकाई 11 : रीतिकालीन कविता का स्वरूप |
Week – 7 |
इकाई 12 : आधुनिक
साहित्य की पृष्ठभूमि |
इकाई 13 : भारतेन्दु युग |
Week – 8 |
इकाई 14 : द्विवेदी युग |
इकाई 15 : छायावाद |
Week – 9 |
इकाई 16 : उत्तर-छायावादी कविता |
इकाई 17 : प्रगतिशील साहित्य |
Week – 10 |
इकाई 18 : प्रयोगवाद और नई कविता |
इकाई 19 : समकालीन कविता |
Week – 11 |
इकाई 20 : हिन्दी कथा साहित्य |
इकाई 21 : हिन्दी नाट्य साहित्य |
Week – 12 |
इकाई 22 : हिन्दी आलोचना |
इकाई 23 : निबंध एवं अन्य गद्य विधाएँ |
Week – 13 |
इकाई 24 : उर्दू साहित्य का परिचय |
Week – 14 |
इकाई 25 : विश्व की भाषाएँ और भारतीय
भाषा परिवार |
इकाई 26 : भारोपीय परिवार और भारतीय
आर्य भाषाएँ |
इकाई 27 : संस्कृत से अपभ्रंश तक |
Week – 15 |
इकाई 28 : आधुनिक आर्य भाषाएँ और हिन्दी |
इकाई 29 : हिन्दी भाषा का प्रारम्भिक
विकास |
Week – 16 |
इकाई 30 : आधुनिक युग में हिन्दी भाषा
का विकास |
इकाई 31 : हिन्दी के बढ़ते चरण |
इकाई 32 : देवनागरी लिपि का विकास |
हिन्दी साहित्य का इतिहास : आचार्य रामचंद्र शुक्ल
हिन्दी साहित्य का इतिहास : डॉ.नगेंद्र
हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास : डॉ.रामस्वरूप चतुर्वेदी
हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास : डॉ.बच्चन सिंह
हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास : डॉ.विश्वनाथ त्रिपाठी
हिन्दी साहित्य भूमिका : आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
हिन्दी साहित्य का अतीत : आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
हिन्दी भाषा का इतिहास : डॉ.धीरेन्द्र वर्मा
भाषा विज्ञान : डॉ.भोलानाथ तिवारी
हिन्दी भाषा का विकास : देवेंद्रनाथ शर्मा
प्रो. स्मिता चतुर्वेदी लगभग 31 वर्षों से इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, मानविकी विद्यापीठ के हिंदी संकाय में प्राध्यापन कर रही हैं। वे 2009 से प्रोफेसर हैं। उन्होंने स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तरीय अनेक पाठ्यक्रमों, विशेष रूप से हिंदी साहित्य का इतिहास, हिन्दी उपन्यास, प्रेमचंद तथा मध्यकालीन कविता का निर्माण किया है। इन्होंने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की अनेक संगोष्ठियों में भागीदारी की है। इनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हैं तथा अनेक आलोचनात्मक आलेख संपादित पुस्तकों एवं पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। इनकी कहानियाँ संपादित पुस्तकों तथा पत्रिका में प्रकाशित हुई हैं। वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के ई.पी.जी पाठशाला कार्यक्रम से पाठ्यक्रम संयोजक एवं पाठ लेखक के रूप में संबद्ध रहीं।
प्रो. चतुर्वेदी भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् की बीजिंग, चीन की हिंदी पीठ पर विजिटिंग प्रोफेसर के पद पर कार्यरत् रहीं।
Exam
Registration URL: Announcements
will be made when the registration form is open for registrations.
The online
registration form has to be filled, and the certification exam fee needs to be
paid.
CRITERIA
TO GET A CERTIFICATE
30 Marks will be allocated for Internal Assessment (Final Quiz- Mandatory) which will be
available at the end of the course and 70 Marks will be allocated for end term
proctored examination.
A minimum of 40% passing marks
(i.e. at-least 12 marks in Internal Assessment (Final Quiz- Mandatory) &
28 Marks in external proctored examination) will be required for being eligible
for SWAYAM Certificate.
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